
जालौन में फरवरी में उगाई जाने वाली सब्ज़ियाँ | ब्लॉक-वार सब्ज़ी गाइड
क्या आप जालौन, उत्तर प्रदेश (उत्तर प्रदेश) के किसान हैं? फ़रवरी में, रामपुरा, नदीगांव, जालौन, कुठौंद, माधोगढ़, रामनगर, महेवा जैसे ब्लॉकों में आमतौर पर आलू, सरसों, चना, मटर, लहसुन और प्याज़ जैसी फसलें खड़ी या कटाई के लिए तैयार होती हैं। कुछ किसान टमाटर, बैंगन, मिर्च, शिमला मिर्च, लौकी और खीरे के लिए नर्सरी तैयार कर रहे हैं।
कई इलाकों में, चौलाई, पालक और धनिया जैसी ताज़ी पत्तेदार फसलें भी बोई जा रही हैं। यह रबी का अंतिम और जायद का आरंभ है, इसलिए समय पर सिंचाई ज़रूरी है क्योंकि मिट्टी की नमी कम हो जाती है। इसलिए आपकी अभी की योजना अप्रैल-मई में आपके मुनाफ़े का निर्धारण करेगी।
हमने जालौन ज़िले के लिए फ़रवरी माह हेतु एक किसान मार्गदर्शिका तैयार की है। इस मार्गदर्शिका में बताया गया है:
- अब कौन सी फसल बोनी चाहिए?
- नर्सरी में कौन सी फसलें उगाई जानी चाहिए और उन्हें कब रोपना चाहिए,
- कौन से बीज बिना नर्सरी के सीधे बोए जा सकते हैं, और
- यदि नर्सरी के पौधे तैयार हों तो उन्हें प्रत्यारोपित कर देना चाहिए।
आपको यह जानकारी गाइड में ब्लॉक-वार मिलेगी ताकि आप अपने क्षेत्र के अनुसार फरवरी में क्या करना है, यह आसानी से तय कर सकें।
फरवरी की शुरुआत में मैदान आमतौर पर कैसे दिखते हैं?
- खड़ी/कटाई की फसलें: गेहूं, सरसों, चना और आलू अभी भी खेतों में कटाई के लिए तैयार हैं।
- नर्सरी बेड: समय पर रोपाई के लिए टमाटर, बैंगन, मिर्च और फूलगोभी के पौधे उगाए जा रहे हैं।
- ताजा पत्तेदार फसलें: पालक, मेथी और धनिया की बुवाई शुरू हो गई है, जिससे हरी सब्जियों की शीघ्र उपलब्धता सुनिश्चित हो गई है।
- दलहन/नकदी फसलें: उपयुक्त क्षेत्रों में मसूर और गन्ना की खेती जारी है।
👉 कुल मिलाकर, फरवरी की शुरुआत में, जालौन के खेतों में खड़ी सब्जियां, नर्सरी, नई पत्तेदार बुवाई और दलहन/नकदी फसलों का मिश्रण दिखाई देता है।
जालौन में अभी (फरवरी) क्या शुरू करें?
प्रत्यक्ष बुवाई (सीधे खेत में बीज):
पालक, मेथी, धनिया, मूली, गाजर और शलजम।
✅ लाभ - ये तेजी से बढ़ने वाले होते हैं और ताजी सब्जियों से तेजी से आय दिलाते हैं।
नर्सरी की तैयारी (बाद में रोपाई के लिए):
टमाटर, बैंगन, मिर्च, पत्तागोभी और फूलगोभी की नर्सरी तैयार करें। महीने के अंत तक पौधे रोपाई के लिए तैयार हो जाएँगे।
✅ लाभ - समय पर रोपाई से अच्छी उपज और बेहतर बाजार मूल्य सुनिश्चित होता है।
रोपाई (नर्सरी → मुख्य क्षेत्र):
टमाटर और मिर्च के पौधों को नर्सरी से रोपें, विशेष रूप से देर से बोई गई या संकर किस्मों को, जो ठंड को सहन कर सकें और लंबे समय तक फसल दे सकें।
चढ़ने वाली सब्जियां (यदि सिंचाई उपलब्ध हो):
लौकी, तुरई, खीरा।
✅ लाभ - निरंतर हरी सब्जी की आपूर्ति और स्थिर आय सुनिश्चित करता है।
अगेती मटर (प्रीमियम मूल्य पर):
फरवरी के अंतिम सप्ताह में कुछ किसान अगेती मटर बोते हैं।
✅ लाभ - देर से बोई गई मटर की तुलना में जल्दी बोई गई मटर की कीमत लगभग दोगुनी मिलती है।
👉 इस प्रकार सीधी बुवाई, नर्सरी, रोपाई और फरवरी में अगेती फसलों की योजना बनाकर जालौन के किसान अपनी आय बढ़ा सकते हैं।
आइए फरवरी में शुरू करें - फसल + विधि + लाभ
काटना |
रोपण कैसे करें (विधि और अंतराल) |
किसानों के लिए लाभ |
सरसों |
पंक्तियों में 30-40 सेमी की दूरी पर बोएं, पौधों के बीच 10-15 सेमी की दूरी रखें। |
तिलहन का अच्छा विकल्प; फरवरी में बुवाई से जालौन में देर से आने वाले कीटों से बचाव |
चना (चना) |
पंक्तियों के बीच की दूरी 30-45 सेमी रखें, पौधे 8-10 सेमी गहराई पर लगाएं। |
लचीली फलीदार फसल; जालौन की शुष्क फरवरी में पूरक सिंचाई से मदद मिलती है। |
मसूर |
बुवाई 25-30 सेमी की दूरी पर फैलाकर या पंक्तियों में करें। |
कम अवधि की फसल; अंतरफसल के लिए अच्छी; जालौन में स्थानीय मांग को पूरा करती है। |
गेहूं (देर से बोया गया) |
उच्च बीज दर का प्रयोग करें; उथली बुवाई करें; शीघ्र सिंचाई करें। |
बचाव उपज क्षमता; जालौन में पिछली फसल की देरी से कटाई की भरपाई करता है। |
गन्ना (वसंत) |
पौधे को 90 सेमी की दूरी पर गड्ढों में लगाएं; अच्छी तरह से सिंचाई करें। |
मानसून रोपण की तुलना में अधिक उपज क्षमता; जालौन की जलवायु अनुकूल। |
सूरजमुखी |
पंक्ति अंतराल 60 सेमी, पौधे अंतराल 20 सेमी. |
अल्प अवधि; फसल चक्र में उपयुक्त; जालौन के किसानों के लिए तिलहन से अच्छा लाभ। |
ग्रीष्मकालीन सब्जियाँ (भिंडी, खीरा) |
ऊँची क्यारियाँ तैयार करें; सिंचाई सुनिश्चित करें। |
जालौन में शुरुआती गर्मियों की सब्जी मंडी का लाभ उठाएं; प्रीमियम मूल्य प्राप्त करें। |
चारा फसलें (ज्वार, मक्का) |
30 सेमी की दूरी पर पंक्तियों में बोएं; पर्याप्त नमी सुनिश्चित करें। |
चारे की कमी को दूर करता है; पशुधन को सहायता प्रदान करता है; जालौन के डेयरी किसानों के लिए आवश्यक है। |
ब्लॉक-वार स्नैपशॉट (त्वरित दृश्य)
अवरोध पैदा करना |
अभी बोएं |
प्रत्यारोपण |
कीट निगरानी |
सिंचाई युक्ति |
रामपुरा |
सरसों, आलू |
टमाटर, मिर्च |
सरसों पर एफिड्स, आलू पर लेट ब्लाइट |
कंद बनने पर आलू की सिंचाई करें |
माधोगढ़ |
गेहूं, चना |
बैंगन, गोभी |
चने में फली छेदक, पत्तागोभी में हीरकपृष्ठ कीट |
गेहूं में जलभराव से बचें |
कदौरा |
जौ, मसूर |
टमाटर |
जौ में पाउडरी फफूंदी |
मसूर की फसल के लिए हल्की सिंचाई |
जालौन |
सरसों, मटर |
मिर्च, टमाटर |
सरसों एफिड्स, टमाटर फल छिद्रक |
फूल आने पर सरसों की सिंचाई करें |
उरई |
गेहूं, चना |
पत्तागोभी, फूलगोभी |
कटवर्म, चना फली छेदक |
चने में अधिक सिंचाई से बचें |
कोंच |
सरसों, आलू |
फूलगोभी, टमाटर |
सब्जियों में सफेद मक्खी, आलू में पछेती झुलसा |
कंद बनने के समय आलू की सिंचाई करें |
नदीगांव |
जौ, चना |
बैंगन, टमाटर |
जौ में एफिड्स, बैंगन में फल छेदक |
हल्की सिंचाई प्रदान करें |
महेवा |
गेहूं, मसूर |
टमाटर |
पाउडरी फफूंदी, फल मक्खी |
मिट्टी की नमी की निगरानी करें |
डकोर |
मटर, सरसों |
गोभी, बैंगन |
बैंगन में प्ररोह छिद्रक |
पर्याप्त मिट्टी की नमी सुनिश्चित करें |
ब्लॉक-वार अनुशंसाएँ (विस्तृत)
🌾 रामपुरा ब्लॉक
- अभी बोएं: सरसों, आलू, लहसुन
- बीज क्यारियाँ तैयार करें: टमाटर, मिर्च, बैंगन के बीज क्यारियाँ
- कैसे और क्यों:
- उचित देखभाल से फरवरी में सरसों की अच्छी उपज मिलती है
- आलू और लहसुन की बुवाई अभी करने पर अच्छा लाभ मिलेगा।
- लाभ: जालौन जिले में समय पर बुवाई से इष्टतम उपज और बेहतर बाजार मूल्य सुनिश्चित होता है।
🌾 नदीगांव ब्लॉक
- अब बोएं: मटर, मसूर, चना, जौ।
- बीज क्यारियाँ तैयार करें: कद्दूवर्गीय सब्जियाँ (जैसे लौकी, करेला, खीरा)
- कैसे और क्यों:
- अच्छी पैदावार के लिए मटर, मसूर, चना और जौ की बुवाई की सिफारिश की जाती है
- बाद में रोपाई के लिए कद्दूवर्गीय फसलों की नर्सरी जल्दी तैयार करें।
- लाभ: फसल विविधीकरण और अगेती सब्जियों से बेहतर आय होती है।
🌾 जालौन ब्लॉक
- अब बोएं: मूली, गाजर, शलजम।
- प्रत्यारोपण: प्याज के पौधे
- कैसे और क्यों:
- स्थानीय बाजार के लिए मूली, गाजर और शलजम बोया जा सकता है।
- प्याज की पौध की रोपाई अब की जानी चाहिए।
- लाभ: स्थानीय सब्जी की मांग को पूरा करता है और समय पर प्याज की खेती करता है।
🌾 कुथोंड ब्लॉक
- अभी बोएं: मेथी, पालक, धनिया
- बीज की क्यारियाँ तैयार करें: अगेती फूलगोभी, पत्तागोभी
- कैसे और क्यों:
- मेथी, पालक और धनिया कम अवधि वाली फसलें हैं और शीघ्र लाभ देती हैं।
- अगले महीने में रोपाई के लिए फूलगोभी और पत्तागोभी के पौधों की प्रारंभिक तैयारी की सिफारिश की गई है।
- लाभ: कम अवधि की फसलें शीघ्र आय सुनिश्चित करती हैं, तथा अगेती फूलगोभी/पत्तागोभी को बाद में अच्छा बाजार मूल्य मिलता है।
🌾 माधोगढ़ ब्लॉक
- अभी बोएं: गेहूं, सरसों
- बीज क्यारियाँ तैयार करें: भिंडी और फलियाँ जैसी ग्रीष्मकालीन सब्ज़ियाँ
- कैसे और क्यों:
- गेहूं और सरसों की समय पर बुवाई करने से अच्छी पैदावार मिलेगी।
- ग्रीष्मकालीन सब्जियों के लिए बीज बोना शुरू करें।
- लाभ: सर्दियों की फसलों का उत्पादन अधिकतम करना और गर्मियों की फसलों की तैयारी करना
🌾 राम नगर ब्लॉक
- अब बोएं: आलू, लहसुन।
- प्रत्यारोपण: टमाटर
- कैसे और क्यों:
- आलू और लहसुन की देर से बुवाई से भी उचित उपज मिल सकती है।
- टमाटर के पौधों को तैयार क्यारियों में रोपें।
- लाभ: फसलों का विविधीकरण और समय पर टमाटर की रोपाई।
🌾 महेवा ब्लॉक
- अब बोयें: अलसी।
- बीज की क्यारियाँ तैयार करें: लौकी, करेला, खीरा
- कैसे और क्यों:
- अलसी की बुवाई की सिफारिश की जाती है।
- ग्रीष्मकालीन कद्दूवर्गीय फसलों के लिए पौध तैयार करें।
- लाभ: कद्दूवर्गीय फसलों के साथ तिलहन फसल।
कीट निगरानी और सिंचाई युक्तियाँ
ध्यान देने योग्य प्रमुख कीट (जालौन, फरवरी)
- आलू: पछेती झुलसा, एफिड्स
- मटर/सरसों: एफिड्स, पाउडरी फफूंद
- पत्तागोभी/फूलगोभी: डायमंडबैक मोथ, पत्तागोभी तितली
- पत्तेदार साग: एफिड्स, लीफ माइनर
सरल क्रियाएँ:
- हफ़्ते में दो बार निरीक्षण करें। पत्तियों के नीचे और बढ़ते हुए सिरे की जाँच करें।
- संक्रमित फलों/पत्तियों को हटाकर नष्ट कर दें।
- फल/छेदक कीटों के लिए फेरोमोन ट्रैप का उपयोग करें और खेतों को खरपतवार से साफ रखें।
- लेबल पर सुझाए गए स्प्रे का प्रयोग केवल तभी करें जब आवश्यक हो; प्रतिरोध से बचने के लिए स्प्रे को बदलते रहें।
सिंचाई (जालौन, फरवरी)
- सर्दियों की फसलों के लिए हर 8-12 दिन में हल्की सिंचाई करें; मिट्टी की नमी की जाँच करें। बसंत ऋतु में उगने वाली फसलों को ज़्यादा बार, हल्की सिंचाई की ज़रूरत पड़ सकती है।
- जलभराव को रोकने के लिए, विशेष रूप से आलू के लिए, नर्सरियों और खेतों में अच्छी जल निकासी सुनिश्चित करें।
- नमी बचाने और खरपतवार को कम करने के लिए मल्चिंग (जहाँ संभव हो, सूखे पत्ते/भूसे/प्लास्टिक) का उपयोग करें।
- जहां तक संभव हो, आलू, टमाटर और मटर जैसी मुख्य फसलों के लिए ड्रिप या फरो सिंचाई को प्राथमिकता दें।
निष्कर्ष
जालौन में फरवरी का महीना ग्रीष्मकालीन फसलों की ओर बदलाव का महीना होता है:
- मूली, गाजर और पछेती मटर जैसी सर्दियों की फसलों की कटाई समाप्त करें।
- शुरुआती गर्मियों की लौकी (लौकी, करेला, स्पंज लौकी, ककड़ी) की सीधी बुवाई शुरू करें।
- अगेती भिंडी, मिर्च, टमाटर और बैंगन के लिए नर्सरी तैयार करें या तैयार पौधों की रोपाई करें।
- अच्छी पैदावार के लिए तरबूज और खरबूजे के लिए क्यारियाँ तैयार करें।
- शुरुआती कीटों पर नजर रखें और नए पौधों के लिए समय पर हल्की सिंचाई सुनिश्चित करें।
यदि आप इन चरणों पर ध्यान केंद्रित करते हैं - जैसे कि सर्दियों की फसलों की कुशलतापूर्वक कटाई करना, बाजार में लाभ के लिए गर्मियों की लौकी की जल्दी बुवाई करना, तथा लंबी अवधि की फसलों की तैयारी करना - तो आप एक सुचारु परिवर्तन और एक लाभदायक ग्रीष्मकालीन मौसम सुनिश्चित कर पाएंगे।